बहुत शातिर है,
चाल बड़ी तेज़ है उसकी....
कितनी भी कोशिश कर लूँ....
उसके कदमों से कदम नहीं मिला
पता हूँ...
वह आगे निकाल जाता है,
छोड़ के सब कुछ पीछे...
लिखावट महीन है उसकी...
सबके समझ में नहीं आती....
गणित बहुत अच्छा है,
कुछ भी नहीं भूलता,
सब याद रखता है,
हर साल मेरे कर्मों का हिसाब
मेरे चेहरे पर दर्ज़ कर,
गुजर जाता है ‘वक़्त’ !
टिप्पणियाँ